उच्च धारा अंतःक्षेपक परियोजना को परिकल्पना पेलेट्रॉन त्वरक को निम्न धारा सीमा से बाहर निकलने के लिए और उत्कृष्ट गैसों आदि जैसी विभिन्न आयन प्रजातियां प्रदान के लिए की गई थी, जो वर्तमान पेलेट्रॉन त्वरक के साथ संभव नहीं है। HCI की उच्च धारा न केवल प्रयोग करने के लिए वांछित शिष्टों की संख्या कम करेगी, अपितु साथ-साथ उपयोगकर्ताओं को बहुत कम अनुप्रस्थ काट वाले नाभिकीय प्रतिक्रियाओं के अध्ययन के लिए भी सक्षम करेगा, जो कि इसकी निम्न धारा सीमा के कारण पेलेट्रॉन से बीम का उपयोग करना संभव नहीं है। A/q<-6 वाले उच्च आयन को त्वरित करने के लिए HCI रेडियो आवृत्ति चतुर्धुवी (RFQ), अपवाह नली लिनेक (DTL) और निन्म बेटा अतिचालक गुहा का उपयोग करेगा। DTL को 97 मेगाहर्ट्ज पर प्रचालित होने वाले छः इंटरडिजिटल - H (1H) RF प्रकार के RF अनुनादकों का उपयोग करके आयनों को 180 Kev/u से 1.8 Mev/u तक त्वरन के लिए अभिकल्पित किया गया है। (DTL) की वांछित निर्गत ऊर्जा मौजूदा अतिचालक के लिए आवश्यक न्यूनतम निविष्ट वेग (बेटा -0.06) द्वारा निर्धारित की जाती है। IH प्रकार के अनुनादक यंत्र अपनी उच्च पार्श्व पथ प्रतिबाधा के कारण कई अंतराल (DTL) अनुप्रयोगों के लिए वरीयता प्राप्त विकल्प है। 180 Kev/u से उच्च तापमान अतिचालक इलेक्ट्रान अनुनाद आय स्रोत (PKDELIS) कहा जाने वाला HTS-ECRIS से मौजूदा अतिचालक रेखिए त्वरक (SLINAC) तक से 1.8 MeV/U तक त्वरक छः स्वतंत्र रूप से चरणबद्ध 1H इस प्रकार RF गुहाओं द्वारा किया जाएगा।
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